इन दिनों व्हाट्सऐप पर एक फर्जी मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के आधुनिकीकरण और युद्ध में घायल अथवा शहीद हुए सैनिकों की मदद के लिए एक विशेष बैंक खाते में पैसा डोनेट करने की अपील की गई है। इस मैसेज को विशेष रूप से इसलिए भी वायरल किया जा रहा है क्योंकि इसमें बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार का नाम बतौर प्रस्तावक जोड़ा गया है, जिससे लोगों को यह मैसेज विश्वसनीय लगे।
हालांकि, जब इस वायरल मैसेज की सच्चाई की पड़ताल की गई तो इसका सच कुछ और ही निकला। भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक बताया है। चलिए जानते हैं इस पूरे मामले की हकीकत क्या है।
क्या है वायरल मैसेज का दावा?
इस वायरल पोस्ट में कहा गया है कि सरकार ने भारतीय सेना की मदद के लिए एक बैंक खाता जारी किया है, जिसमें आम नागरिक दान कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि अभिनेता अक्षय कुमार ने इस पहल की शुरुआत की है, और इसे मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक बताया गया है।
मैसेज में कैनरा बैंक के एक अकाउंट नंबर (90552010165915) और IFSC कोड (CNRB0000267) का जिक्र किया गया है। खाताधारक के नाम के स्थान पर "Army Welfare Fund Battle Casualties" लिखा गया है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अगर भारत की 70% जनता एक दिन में सिर्फ ₹1 दान करे, तो रोज़ाना ₹100 करोड़, महीने में ₹3000 करोड़ और साल भर में ₹36,000 करोड़ की रकम इकट्ठी की जा सकती है।
सच्चाई: यह दावा पूरी तरह फर्जी है
पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने जब इस वायरल मैसेज की जांच की तो पाया कि:
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यह पोस्ट पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है।
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इस दावे का भारतीय सेना या सरकार की किसी योजना से कोई संबंध नहीं है।
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पोस्ट में जिस बैंक अकाउंट का ज़िक्र किया गया है, वह अब किसी भी अधिकृत सरकारी अभियान से नहीं जुड़ा है।
हालांकि, यह सही है कि Army Welfare Fund Battle Casualties नाम से एक वैध कोष होता है, जिसे सशस्त्र सेनाओं के शहीद या घायल सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए बनाया गया है। लेकिन इस कोष के लिए दान की प्रक्रिया सरकार द्वारा अधिकृत वेबसाइट और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से होती है। सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप पर शेयर किए गए किसी भी खाते में पैसे भेजना आर्थिक धोखाधड़ी का शिकार बना सकता है।
अक्षय कुमार का नाम क्यों जोड़ा गया?
इस पूरे प्रकरण में अक्षय कुमार का नाम जानबूझकर घसीटा गया है। अभिनेता अक्षय कुमार देशभक्ति और सैनिकों के समर्थन के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने कुछ साल पहले भारत के वीर (Bharat Ke Veer) नाम से एक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जो शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाता है। इसी छवि का फायदा उठाते हुए उनके नाम का इस्तेमाल इस झूठे प्रचार में किया गया है। लेकिन अक्षय कुमार ने इस हालिया वायरल पोस्ट से खुद को कभी नहीं जोड़ा, और ना ही इसका समर्थन किया।
सावधानी जरूरी है
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कोई भी फॉरवर्ड मैसेज बिना जांचे शेयर ना करें।
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अगर किसी पोस्ट में बैंक डिटेल्स दी गई हों, तो पहले उसकी सरकारी पुष्टि ज़रूर करें।
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पीआईबी फैक्ट चेक जैसे सरकारी प्लेटफॉर्म से सच्चाई जानने की कोशिश करें।
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सेना के नाम पर हो रही किसी भी धनराशि की मांग को सीधे संबंधित मंत्रालय या रक्षा विभाग की वेबसाइट से जांचें।
निष्कर्ष
भारतीय सेना के नाम पर वायरल हो रहा यह व्हाट्सऐप मैसेज पूरी तरह फर्जी, भ्रामक और धोखाधड़ी से भरा है। इससे न केवल आम जनता भ्रमित हो रही है, बल्कि कई लोग भावनात्मक रूप से जुड़कर आर्थिक नुकसान भी उठा सकते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर कोई भी संवेदनशील या वित्तीय जानकारी साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना बेहद जरूरी है।
सच्ची देशभक्ति तब होती है जब आप सेना की मदद करने के लिए सही माध्यम चुनें, ना कि किसी फर्जी संदेश के जाल में फंसकर ठगे जाएं।