मुंबई, 08 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को लाइबेरियाई जहाज MSC अकीकेता 2 को जब्त करने का निर्देश दिया है। यह फैसला उस याचिका के आधार पर लिया गया, जो केरल सरकार ने MSC एल्सा 3 के डूबने से हुए पर्यावरणीय और आर्थिक नुकसान के लिए 9531 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर दायर की थी। MSC अकीकेता 2, MSC मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी के उसी समूह का हिस्सा है, जिससे डूबा हुआ जहाज MSC एल्सा 3 संबंधित था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजे की पूरी राशि जमा नहीं होती, MSC अकीकेता 2 भारत छोड़कर नहीं जा सकेगा।
यह आदेश एडमिरल्टी एक्ट की धारा 4 के तहत दिया गया है, जिसमें समुद्री मामलों से जुड़े दावों के निपटारे का प्रावधान है। केरल सरकार के अनुसार MSC एल्सा 3 के डूबने के बाद जहाज से निकले जहरीले पदार्थों के कारण समुद्री पारिस्थितिकी को भारी नुकसान पहुंचा है। डॉल्फिन और व्हेल जैसे समुद्री जीवों की मौत हुई है और मछुआरे भी प्रभावित हुए हैं। सरकार ने ₹8626 करोड़ पॉल्यूशन के लिए, ₹378.48 करोड़ पर्यावरणीय क्षति के लिए और ₹526.51 करोड़ मछुआरों के नुकसान के लिए बतौर मुआवजा मांगे हैं। ब्याज समेत कुल दावा 9531.11 करोड़ रुपए का है।
कोर्ट ने यह आदेश अडानी विझिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को जहाज की जब्ती और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देशों के साथ दिया है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश से जहाज पर लोडिंग और अनलोडिंग की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को तय की गई है। बताया गया है कि MSC एल्सा 3 नामक यह कार्गो शिप 25 मई को कोच्चि तट से 38 समुद्री मील दूर डूब गया था। शिप पर 643 से अधिक कंटेनर्स लदे थे जिनमें कैल्शियम कार्बाइड, डीजल, फर्नेस ऑयल जैसे खतरनाक केमिकल्स भरे थे। जहाज 23 मई को विझिनजाम पोर्ट से कोच्चि की ओर रवाना हुआ था। 24 मई को दोपहर 1:25 बजे के आसपास जहाज के 26 डिग्री तक झुकने की सूचना मिली, जिसके बाद इंडियन कोस्ट गार्ड और नेवी ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 24 क्रू मेंबर्स में से 21 को उसी दिन बचा लिया गया था, जबकि तीन सीनियर मेंबर्स शिप को स्थिर करने की कोशिश करते हुए जहाज पर ही रुके थे। अंततः जब जहाज का संतुलन बिगड़ता गया तो नेवी के पोत INS सुजाता ने बाकी तीनों को भी सुरक्षित निकाल लिया।