मुंबई, 3 अगस्त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की जुलाई में कुल 11,308 करोड़ रुपये निकाले
अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार से जुलाई में अपने निवेश में से 11,308 करोड़ रुपये निकले है, जिसकी वजह से हमने देखा की जुलाई महीने में कई बार शेयर मार्केट अपने उच्चत्तम स्तरों पर टिक नहीं पाया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली कि वजह से सेंसेक्स और निफ़्टी पर दबाव बना रहा । हालांकि, अब हम अगस्त में निफ़्टी और सेंसेक्स में बढ़त देख रहे है वह स्थानीय संस्थागत निवेशकों की वजह से देख रहे है ।
विशेषज्ञों का कहना है कि, भारतीय शेयर बाजारों से कुल निवेश निकले जाने का मुख्य कारण है कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामले, तेल की ऊंची कीमतें, धीमी घरेलू रिकवरी और बढ़ता महँगाई का दर जो शायद भारत के राजकोषीय घाटे को बढ़ावा दे सकते है ।
वर्ष 2021 में अबतक देखा जाये तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारत के इक्विटी सेगमेंट में 49,036 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया है । विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में 17,215 करोड़ रुपये के निवेश किया था। बाद में हम जुलाई में 11,308 करोड़ का आउटफ्लो देख रहे है। जो आगे चलके बाज़ार के लिए चिंता का विषय हो सकता है ।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वाश का बैरोमीटर है, जो विदेशी निवेशक भारत के बाजार में दर्शाते है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अपना निवेश बढ़ाते है तो वह यह सूचित करते है की उनका भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति रुझान सकारात्मक है और अगर वह अपना पैसे भारतीय बाजार से निकाल रहे है तो उनका भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति निवेश का रवैया नकारात्मक माना जाता है।