Movie Review - Gehraiyaan



नई जनरेशन के बीच उलझे रिश्तों की कहानी बयां करती हैं फिल्म ‘गहराइयां’

Posted On:Wednesday, April 20, 2022

दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhant Caturvedi), धैर्य कारवा (Dhairya Karwa) और अनन्या पांडे (Ananya Pandey) स्टारर गहराइयां  11 फरवरी को रिलीज हो चुकी है. अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर रिलीज हुई इस फिल्म के ट्रेलर ने लोगों में खूब उत्सुकता पैदा की थी क्योंकि फिल्म की दोनों हीरोइनें (Actress) समंदर किनारे बिकनी में दिखने के साथ लीड हीरो के संग अंतरंग दृश्यों में नजर आ रही थीं. शकुन बत्रा (Shakun Batra) की ‘गहराइयां’ उलझे हुए रिश्तों की कहानी है. इससे पहले भी निर्देशक शकुन बत्रा रिश्तों पर आधारित फिल्में बना चुके हैं जैसे ‘कपूर एंड सन्स’ (Kapoor and Sons) और एक मैं और एक तू (EK Mai Aur Ek Tu). इस बार शकुन बत्रा अपनी फिल्म में कुछ अलग ढंग से किरदारों को पेश कर रहे हैं.  
 

क्या है गहराइयां की कहानी

फिल्म ‘गहराइयां’ की कहानी में चार मेन किरदार हैं अलीशा खन्ना (दीपिका पादुकोण), टिया खन्ना (अनन्या पांडे), ज़ैन (सिद्धांत चतुर्वेदी) और करण अरोड़ा (घैर्या करवा). इन चारों के इर्द गिर्द कहानी घूमती है। अलीशा और टिया दो ऐसी कजिन सिस्टर्स हैं जिनके बीच में बहुत अच्छा बॉन्ड है. लेकिन इन दोनों के बीच बड़ा फाइनेंशियल गैप है। अलीशा और करण रिलेशनशिप में हैं। वहीं टिया की मुलाकात ज़ैन से होती है, बाद में दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और डेट करने लगते हैं. ऐसे में एक दिन टिया और ज़ैन अलीशा और करण से मिलते हैं. चारों साथ में खूब घूमते फिरते औऱ टाइम स्पेंड करते हैं. लेकिन इस बीच ज़ैन और अलीशा एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. इतना ही नहीं एक दूसरे को डेट भी करने लगते हैं। अब दोनों के रिश्ते अपने अपने पार्टनर से खराब होने लगते हैं. यहां टिया- ज़ैन और करण- अलीशा के बीच दूरियां आने लगती हैं, अट्रैक्शन खत्म हो जाता है।

इसके अलावा भी इन चारों के बीच कुछ और दिक्कतें हैं. कहानी उस वक्त बहुत इंट्रस्टिंग मोड ले लेती है जब टिया औऱ करण को सच पता चलता है. क्या होगा जब अलीशा औऱ ज़ैन की सच्चाई इन दोनों के सामने आएगी? ये है गहराइयां फिल्म की कहानी. कहानी से बेशक कुछ कुछ अंदाजे लगाए जा सकते हैं लेकिन फिल्म का क्लाइमेक्स कुछ हटकर है. जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता.
 

क्यों देखें ये फिल्म

लेखक न तो किरदारों में कोई जान डाल पाने में सफल हैं और न ही उन्होंने कहानी में रोचक मोड़ पैदा किए हैं. फिल्म का एकमात्र थ्रिल-मोमेंट जब पैदा होता है, तब तक देर हो चुकी होती है. हालांकि उसके आगे भी लेखक-निर्देशक कहानी को सही ढंग से नहीं संभाल पाए. पूरी फिल्म में एकमात्र किरदार जो कुछ प्रभाव छोड़ता है, वह है अलीशा. दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने इसे वाकई खूबसूरती और मेहनत से निभाया है. उन्हें देखकर नहीं लगता कि वह अपनी तरफ से कोई कसर बाकी रख रही हैं. सीन-दर-सीन यहां उन्हें आप ग्रो करते देखते हैं और अंत में गहराईयां सिर्फ दीपिका (Deepika) के अभिनय के लिए याद रह जाती है. निश्चित ही यह उनके करियर के सबसे अच्छे परफॉर्मेंस में से एक है. लेकिन सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhant Chaturvedi) बहुत निराश करते हैं. वह न अपने अभिनय से, न हाव-भाव से और न बॉडी लैंग्वेज से आकर्षित कर पाते हैं. पिछले साल बंटी और बबली-2 में भी उनका यही हाल था. फिल्म में एक भी सीन नहीं जिसमें, अनन्या (Ananya) प्रभावी नजर आई हों. धैर्य करवा को लेखक-निर्देशक ने चौथे दर्जे का बना दिया, जबकि उनके हिस्से अनन्या (Ananya) से बेहतर समय आ सकता था.

निःसंदेह फिल्म को अच्छे से शूट किया गया है. कैमरा वर्क बढ़िया है लेकिन संपादन से इसे ज्यादा कसे जाने की जरूरत थी. गीत-संगीत औसत है.  अगर आप गंभीर किस्म की फिल्में देखना पसंद नहीं करते तो शायद ये फिल्म आपके लिए न हो. लेकिन अगर नई जनरेशन की जिंदगी में क्या चल रहा है, करीब से ये जानना चाहते हैं तो फिल्म गहराइयां जरूर देखें.


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