Ahoi Ashtami 2024 : आखिर क्यों बिना गुलगुलों के अधूरा है अहोई अष्टमी का भोग, वीडियो में जानें इसके पीछे की पौराणि कथा

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Posted On:Monday, October 21, 2024

अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है। इस साल यह 24 अक्टूबर (Ahoi अष्टमी 2024 तिथि) को मनाया जाएगा। इस व्रत में अहोई माता की पूजा की जाती है और महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में तारों को देखकर व्रत खोलती हैं।

इस दिन महिलाएं अहोई माता की पूजा करती हैं, कथा कहती हैं और भोग लगाती हैं। भोग में पकौड़ी का विशेष महत्व है. गुलगुले एक मीठा व्यंजन है, जो बहुत मुलायम और स्वादिष्ट होता है. इसे अन्य विशेष अवसरों पर भी बनाया जा सकता है, लेकिन अहोई अष्टमी पर गुलगुले बनाने का विशेष महत्व है। इन्हें अहोई माता को अर्पित किया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। अगर आप भी अहोई अष्टमी के खास मौके पर गुलगुले बनाना चाहते हैं तो आपको बस यह आसान रेसिपी (अहोई अष्टमी गुलगुले रेसिपी) अपनानी होगी। इस रेसिपी से आप आसानी से मुलायम और स्वादिष्ट पकौड़े बना सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी रेसिपी.

कब है अहोई अष्टमी?

पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को दोपहर 01:18 बजे शुरू होगी. वहीं, इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को दोपहर 01:58 बजे होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में देशभर में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

अहोई अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त

इस दिन पूजा करने का शुभ समय (अहोई अष्टमी 2024 पूजा समय) शाम 05:42 बजे से शाम 06:59 बजे तक है। इस दौरान महिलाएं अहोई माता और गणपति बप्पा की पूजा कर सकती हैं।

पंचांग (Ahoi Ashtami 2024 Panchang)

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

चंद्रोदय- रात 11 बजकर 55 मिनट पर

चंद्रास्त- 24 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 25 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक

अहोई अष्टमी का पूजन मंत्र (Ahoi Ashtami Puja Mantra)

पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जप 108 बार विधिपूर्वक करें। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होंगी और संतान को सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

''ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः''


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