मुंबई, 22 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम किया था। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने भारत के इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। साथ ही भारत को चेतावनी जारी की है। हालांकि, यह मामला कब का है रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को नाकाम किया था। कथित तौर पर यह साजिश भारत की ओर से रची जा रही थी और इसके जरिए पन्नू को निशाना बनाया जाना था। वहीं, इस मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दायर किया गया है। लेकिन आरोपी कौन है और आरोप क्या हैं यह लिफाफा खुलने पर पता चलेगा।
तो वहीं, फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका ने भारत को डिप्लोमैटिक वॉर्निंग दी थी। इसके अलावा मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दायर किया गया है। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट फिलहाल इस बात पर बहस कर रहा है कि इस सीलबंद केस को अभी खोला जाए और आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या आतंकी निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने के बाद खोला जाए। दरअसल, जून में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। उसकी हत्या का आरोप कनाडा ने भारत पर लगाया है। भारत ने इस आरोप को खारिज किया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने इस मामले में पन्नू से बात की। हालांकि पन्नू ने यह तो नहीं बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने उसे साजिश की जानकारी दी या नहीं, पर उसने कहा, मैं चाहूंगा कि अमेरिकी जमीन पर मेरी हत्या की साजिश पर अमेरिकी सरकार ही जवाब दे। अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक को खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए एक चुनौती है और मुझे विश्वास है कि बाइडेन प्रशासन ऐसी किसी भी चुनौती से निपट सकता है। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जून में वैंकूवर में मारे गए सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कुछ सहयोगियों को पन्नू की हत्या की साजिश के बारे में जानकारी दी थी। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वॉशिंगटन की विजिट के बाद अमेरिका ने इसका विरोध किया था। आपको बता दें, भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया।