मुंबई, 18 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद औरतों पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। अब तालिबान के मंत्री ने कहा है कि पब्लिक में औरतों का चेहरा दिखने से उनकी अहमियत कम होती है। तालिबान के मंत्री मौलवी मोहम्मद सादिक आकिफ ने ये सारी बातें न्यूज एजेंसी एसोसिएट प्रेस को दिए इंटरव्यू में कही हैं। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम धर्मगुरू भी इस बात से सहमति रखते हैं कि औरतें जब भी घर से बाहर जाएं तो उन्हें अपने चेहरे ढ़ककर रखने चाहिए। उन्होंने कहा, अगर औरतों के चेहरे सार्वजनिक जगहों पर दिखते हैं तो इससे पाप होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। कई बड़े शहरों में महिलाओं का बिना हिजाब दिखना बहुत बुरा है और हमारे विद्वान भी इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं के चेहरे छिपे होने चाहिए। आकिफ ने कहा ऐसा नहीं है कि महिलाओं को चेहरे दिखने पर नुकसान पहुंचाया जाएगा। हालांकि, एक महिला की अपनी अहमियत होती है और आदमी जब उन्हें देखते हैं तो उनकी अहमियत कम हो जाती है। अल्लाह हिजाब वाली महिलाओं को सम्मान देता है और उसका मोल होता है। इंटरव्यू के दौरान आकिफ ने महिलाओं की पढ़ाई पर लगाई गई पाबंदी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
आकिफ ने कहा कि हमें अपने काम करने में कोई परेशानी नहीं होती है। लोग शारिया को लागू करवाना चाहते थे। हम सिर्फ शारिया के कानूनों का पालन करवा रहे हैं। हमने अपनी तरफ से कुछ नहीं जोड़ा है। शरिया के ऑर्डर 1400 साल पहले से मौजूद हैं। तालिबान के राज में महिलाओं का शोषण नहीं होता है। जैसे पहले होता था। आकिफ ने एसोसिएसट प्रेस को बताया कि उन्होंने बच्चाबाजी और शराब के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है। दरअसल, अफगानिस्तान में लड़कों को लड़कियों के कपड़े पहनाकर नचाने की प्रथा है। इस प्रथा को 'बच्चाबाजी' कहा जाता है और इसमें नाचने वालों को 'बच्चा बेरीश' कहते हैं। पार्टी में नाचने के बाद कुछ लोग इन लड़कों का यौन शोषण भी करते हैं।