मुंबई, 26 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड अपनी आठ दिवसीय चीन यात्रा पर है। यहाँ उन्होंने चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। दोनों देशों ने आपसी साझेदारी और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने स्पष्ट रुप से चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी के सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से साफ इनकार किया है। हालांकि दोनों देशों ने सीमाओं के संयुक्त निरीक्षण पर सहमति जताई है। प्रचंड की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में चीन के प्रधानमंत्री ली ने कहा, नेपाली पक्ष चीन द्वारा प्रस्तावित वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) का समर्थन करता है और जीडीआई के मित्र समूह में शामिल होने पर विचार करेगा। प्रचंड ने इससे पहले 23 सितंबर को हांगझोऊ में एशियाई खेलों के मौके पर राष्ट्रपति शी से मुलाकात की थी।
तो वहीं, नेपाल की मीडिया के अनुसार, प्रचंड ने शी के नए सिद्धांतों जीएसआई और जीसीआई का स्वागत करने के लिए चीन के दबाव को दरकिनार कर दिया, लेकिन जीडीआई का समर्थन किया है। द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के हांगझोऊ के लिए रवाना होने से पहले, न्यूयॉर्क में एक साक्षात्कार में, प्रचंड ने नेपाल के सुरक्षा संबंधी गठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं से स्पष्ट रूप से इनकार किया था। साक्षात्कार के दौरान चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के संदर्भ में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन जीएसआई, जीसीआई और जीडीआई की शुरुआत कर रहा है और इनमें से जीडीआई में भाग लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। वहीं, अपनी चीन यात्रा से पहले, प्रचंड ने कहा था कि जीएसआई, जो संयुक्त सुरक्षा की भी वकालत करती है वह भारत, चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए नेपाल के हित में नही है।