अफगानिस्तान पर हुई UN की बैठक में शामिल हुआ भारत, तालिबान के नेता भी रहे मौजूद, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Monday, July 1, 2024

मुंबई, 01 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कतर की राजधानी दोहा में रविवार को अफगानिस्तान को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की एक बैठक हुई। इसमें भारत समेत 25 देश शामिल हुए। साथ ही ऐसा पहली बार हुआ जब तालिबान के नेता अफगानिस्तान पर चर्चा के दौरान मौजूद रहे हों। इससे पहले वे UN की हर उस बैठक का बहिष्कार करते रहे हैं जिनमें अफगानिस्तान पर चर्चा की गई हो। हालांकि, UN ने स्पष्ट कर दिया था कि इस बैठक का मकसद तालिबान को मान्यता देना नहीं है। इसके बावजूद कई मानवाधिकार संगठनों ने मीटिंग की आलोचना की और सवाल उठाए। इन संगठनों की मांग है कि जब तक तालिबान महिलाओं के अधिकारों का हनन करता रहेगा तब तक न तो उससे बात की जाए और न उन्हें मान्यता मिले। अफगानिस्तान पर हुई UN की मीटिंग में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के अधिकारी जेपी सिंह शामिल हुए। हालांकि, इस वक्त विदेश मंत्री एस जयशंकर भी दोहा में थे पर वे बैठक में नहीं गए। भारत अभी तालिबान के मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। जेपी सिंह UN की मीटिंग से पहले मार्च में काबुल गए थे। वहां उन्होंने तालिबान के अधिकारियों से मुलाकात की थी। अफगानिस्तान को मान्यता देने के लिए भारत अभी तैयार नहीं है। हालांकि, वहां मानवीय मदद पहुंचा कर अपना असर बनाए रखा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालातों की वजह से भारत तालिबान को इग्नोर नहीं कर सकता है।

तो वहीं, तालिबान के प्रतिनिधि जबीउल्लहा मुजाहिद ने बैठक के बाद कहा कि उन्हें सभी देशों के सामने अपनी बात रखने का मौका मिला। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान के बैंकिंग सेक्टर और उनके अधिकारियों पर पाबंदियां लगी हैं। इससे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो गई है। ऐसे में तालिबान की मांग है कि उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाया जाए। तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने मार्च में भारत के जेपी सिंह के साथ हुई बैठक में कहा था, 'हम भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं। विदेश मंत्री ने भारत से अफगान व्यापारियों, छात्रों और मरीजों के लिए वीजा लेने की प्रक्रिया आसान करने की अपील की थी। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से बैठक को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया था। इसके अलावा भारत ने सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने, नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने, ISIS जैसे आतंकी संगठन और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तालिबान की सराहना की थी। जेपी सिंह ने कहा था- भारत अफगानिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाना चाहता है। उन्होंने चाबहार पोर्ट के जरिए व्यापार बढ़ाने पर भी जोर दिया था।


ग्वालियर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. gwaliorvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.