मुंबई, 5 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में दूसरी बार गिरफ्तार किया। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने उन्हें तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले इमरान ने कश्मीर पर अपने पुराने ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, मैंने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनने पर मोदी सरकार के गैर कानूनी एक्शन का हमेशा विरोध किया है। भारत ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया, बल्कि कश्मीर में युद्ध अपराध भी किए हैं। उन्होंने आगे लिखा, त्रासदी यह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ताकतवर हिस्सा मानवाधिकारों के मामले में भेदभाव कर रहा है। इमरान ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मानवाधिकार उल्लंघन की ऐसी स्वीकार्यता हिटलर को खुश करने जैसी है। मैं हर जगह भारत के मानवाधिकार उल्लंघन पर आवाज उठाता रहूंगा और कश्मीरियों के संघर्ष का समर्थन करता रहूंगा।
दरअसल, भारत सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा हटाया था, तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ही थे। खान ने मुस्लिम देशों के संगठन OIC ( ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन) के सदस्य देशों सऊदी अरब और UAE से भारत के एक्शन की आलोचना करने की मांग की थी। हालांकि UAE और सऊदी ने भारत के खिलाफ कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। सिर्फ इमरान खान ही नहीं बल्कि आर्टिकल 370 हटने के चार साल पूरे होने पर पूरे पाकिस्तान में आज के दिन को यौम-ए-इस्तेशाल (शोषण का दिन) के तौर पर मनाया गया।
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा, पिछले 4 सालों में कश्मीर में मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा उल्लंघन हुआ है। वहां इंटरनेट बंद किया गया, लोगों को जानकारी से दूर रखा गया। हर तरह से कश्मीर की लीडरशिप को कैद किया गया। शाहबाज ने कहा- भारत ने 370 खत्म कर कश्मीर की डेमोग्राफी को बदलने की कोशिश की है। पाकिस्तान की सेना ने भी कश्मीर में घुसपैठ करने वालों को शहीद बताया। पाक सेना ने कहा कि हम आजादी की लड़ाई में कश्मीर का साथ देते रहेंगे। वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा है कि जब तक UNSC के जरिए कश्मीर का हल नहीं निकल जाता, साउथ-एशिया में शांति नहीं आ सकती है।