धर्मशाला, 22 अप्रैल । तिब्बती धर्मगुरू एवं नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने पृथ्वी दिवस पर विश्व भर के लोगों से इस नीले ग्रह पर आने वाली चुनौतियों और अवसरों को देखने की अपील की है। गुरूवार को पृथ्वी दिवस पर मैकलोड़गंज स्थित अपने निवास स्थान से अपने संदेश में धर्मगुरू ने कहा कि मैं अकसर मजाक करता हूं कि चांद और सितारे सुंदर दिखते हैं, लेकिन अगर हम में से किसी ने भी उन पर जीने की कोशिश की तो हम दुखी होंगे। हमारा पृथ्वी ग्रह एक रमणीय निवास स्थान है। इसका जीवन हमारा जीवन है, इसका भविष्य हमारा भविष्य है। दरअसल, पृथ्वी हम सभी के लिए एक मां की तरह काम करती है। बच्चों की तरह हम भी उसी पर निर्भर हैं। ओजोन परत के वैश्विक तापन और क्षरण के प्रभाव के रूप में ऐसी वैश्विक समस्याओं के सामने व्यक्तिगत संगठन और एकल राष्ट्र असहाय हैं। जब तक हम सब मिलकर काम नहीं करेंगे, कोई हल नहीं निकल सकता है। हमारी धरती मां हमें सार्वभौमिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रही है।
दलाई लामा ने कहा कि आज दुनिया भर में पीने का पानी और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव लगभग दो अरब लोगों को प्रभावित करता है। मैं आभारी हूं कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसके लिए तत्काल वैश्विक कॉल जारी किया है।
उन्होंने कहा कि मनुष्यों को सभी मानवता की एकता के बारे में अधिक समझ विकसित करनी चाहिए। हम में से प्रत्येक को न केवल अपने या अपने परिवार या राष्ट्र के लिए, बल्कि सभी मानव जाति के हित के लिए काम करना सीखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन इस साल पृथ्वी दिवस पर एक लीडर्स क्लाइमेट समिट की मेजबानी कर रहे हैं, जिसमें विश्व के नेताओं को एक मुद्दे पर चर्चा के लिए लाया गया है। यदि हमारे ग्रह को निरंतर बनाए रखना है, तो पर्यावरण शिक्षा और व्यक्तिगत जिम्मेदारी बढ़नी चाहिए और बढ़ती रहनी चाहिए। पर्यावरण का ख्याल रखना हमारे दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। मेरे स्वयं के मामले में, मेरा पर्यावरण जागरण केवल तब हुआ जब मैं निर्वासन में आया और एक दुनिया का सामना किया, जिसे मैं तिब्बत में जानता था। तभी मुझे एहसास हुआ कि तिब्बती पर्यावरण कितना शुद्ध था और आधुनिक सामग्री विकास ने पूरे ग्रह पर जीवन के पतन में योगदान दिया है। इस पृथ्वी दिवस पर हम सभी को अपने हिस्से का काम करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने में मदद करनी चाहिए ताकि हमारे अपने घर ही नही बल्कि इस खूबसूरत पृथ्वी के वातावरण में भी सकारात्मक बदलाव हो सके।