मुंबई, 29 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत में मौजूद अफगानिस्तान की एम्बेसी बंद हो गई है। एम्बेसी के 3 अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि दूतावास से जुड़े सारे काम बंद कर दिए गए हैं। सभी डिप्लोमैट्स भारत छोड़कर यूरोप और अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में अफगानिस्तान के इंचार्ज एम्बेसडर फरीद मामुंदजई ने तालिबान को एक खत लिखकर बताया कि वो अपना काम पूरा करने में फेल हो गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें तालिबानी सरकार की तरफ से कोई भी सपोर्ट या डिप्लोमैटिक मदद नहीं दी गई। वहीं, तालिबान ने कहा है कि उन्होंने मामुंदजई की नियुक्ति ही नहीं की थी। दरअसल, भारत समेत किसी भी देश ने तालिबान हुकूमत को मान्यता नहीं दी है। लिहाजा, भारत सरकार भी तालिबान के सत्ता में आने से पहले से तैनात अफगानी राजदूत (फरीद मामुंदजई) को ही वहां का असली एम्बेसेडर मानती है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत सरकार अफगानी डिप्लोमैट से नाराज थी। अधिकारियों के मुताबिक, मामुंदजई तालिबान और भारत सरकार के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे थे।
रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि मामुंदजई पाकिस्तान के काफी करीब हैं और इसी वजह से शुरुआत में उसकी डिप्लोमैट के तौर पर नियुक्ति में भी काफी समय लगा था। मामुंदजई ने अपने लेटर में आगे लिखा था कि काबुल की तरफ से मुझे कोई सहयोग नहीं मिला है और न ही भारत सरकार कोऑपरेट कर रही है। ये देखते हुए मैंने सितंबर के आखिर तक भारत में अफगानिस्तान मिशन को बंद करने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने अफगान एम्बेसी के स्टाफ के लिए मई 2023 के बाद वीजा की समय सीमा को नहीं बढ़ाया ये कर्मचारी अब एम्बेसी छोड़ने की इजाजत मिलने का इंतजार कर रहे थे। तो वहीं, भारत में मौजूद अफगानिस्तान की एम्बेसी को फरीद मामुंदजई हेड करते हैं, जो फिलहाल लंदन में हैं। मामुंदजई को सबसे पहले अफगानिस्तान की पिछली सरकार ने अपॉइंट किया था। इसके बाद अप्रैल 2023 में ट्रेड काउंसलर कादिर शाह ने भारत के विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर बताया था कि मामुंदजई को एक्टिंग एम्बेसडर (थोड़े समय के लिए एम्बेसडर) के तौर पर नियुक्त किया गया है। बाद में तालिबान सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार अब तक अलग-अलग देशों में मौजूद करीब 14 मिशन्स को अपने कब्जे में ले चुकी हैं। इन सब जगहों पर उन्होंने अपने राजदूत को चुनकर भेज दिया है। हालांकि, भारत में अब तक ऐसा नहीं हुआ है। भारत ने 2021 में ही तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में अपनी एम्बेसी को बंद कर दिया था। हालांकि, वहां मानवीय मदद पहुंचाने के लिए एक टेक्निकल टीम काम करती है। आपको बता दें कि भारत ने भी अब तक तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं दी है।