मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लीबिया की त्रिपोली जेल से छुड़ाए गए 17 भारतीय बीती रात देश लौट आए हैं। ट्रैवल एजेंट्स इन्हें इटली में नौकरी का लालच देकर लीबिया ले गए थे। जेल से छुड़ाए गए ज्यादातर लोग पंजाब और हरियाणा से हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया है कि ट्रैवल एजेंट्स ने इन सभी लोगों को यूरोप में अच्छी नौकरी दिलाने के झांसे में फंसाया। सभी से 13 लाख रुपए लिए गए थे। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई वीडियो में लीबिया से छुड़ाए गए लोग अपने परिजनों से मिलकर रोते दिखाए दे रहे हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक लीबिया में उनके साथ मारपीट भी की गई थी। उन्हें खराब हालातों के बीच रखा गया।
वहीं, सरकारी सूत्रों के मुताबिक 26 मई को ट्युनीशिया में भारतीय दूतावास को पहली बार लीबिया में बंधक बनाए गए भारतीयों की जानकारी मिली थी। इन लोगों के परिजनों ने बताया था कि उन्हें लीबिया के ज्वारा शहर में बंधक बनाया गया है। इसके बाद भारतीय दूतावास ने लगातार एक महीने अलग-अलग माध्यमों से लीबिया के प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई के लिए राजी किया। 13 जून को लीबिया ने बंधक बनाए गए भारतीयों को छुड़ाया, पर उन्हें गैरकानूनी तरीकों से देश में घुसने के आरोप में त्रिपोली जेल में बंद कर दिया। इसके बाद भारत ने कानून का सहारा लेकर सभी 17 भारतीयों का काउंसलर एक्सेस हासिल किया और लीबिया के अधिकारियों को उन्हें छोड़ने के लिए तैयार कर लिया। लीबिया में फंसे रहने के दौरान दूतावास ने भारतीयों की हर जरूरत का ध्यान रखा। इसमें जरूरी खाना, दवा और कपड़े शामिल हैं, क्योंकि उनके पास पासपोर्ट नहीं थे। उनके इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी किए गए, ताकि वे भारत वापस आ सकें। इन सभी के लिए हवाई टिकट का इंतजाम भी भारतीय दूतावास ने किया।