यूरोप के सबसे लोकप्रिय और पर्यटकप्रिय देशों में शामिल फ्रांस ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब वहां खुले में धूम्रपान करना पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। यह फैसला बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 135 यूरो (लगभग 13,000 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
यह घोषणा फ्रांस की स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री कैथरीन वाउट्रिन ने की है। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2025 से यह नया नियम पूरे देश में लागू होगा।
किन-किन जगहों पर बैन रहेगा?
कैथरीन वाउट्रिन ने स्पष्ट किया है कि खुले में धूम्रपान खासकर उन स्थानों पर प्रतिबंधित रहेगा, जहां बच्चों की आवाजाही अधिक होती है। इनमें शामिल हैं:
इन सभी जगहों को “नो-स्मोकिंग ज़ोन” घोषित किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि इन स्थानों पर धूम्रपान करना न केवल गैरकानूनी होगा, बल्कि इससे बच्चों की सेहत को सीधे खतरा हो सकता है।
क्या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी बैन हैं?
गौर करने वाली बात यह है कि यह नया नियम कैफे की छतों और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (e-cigarettes) पर लागू नहीं होगा। यानी कोई व्यक्ति कैफे की बालकनी या छत पर धूम्रपान कर सकता है, और ई-सिगरेट का प्रयोग भी इस बैन से बाहर रखा गया है।
हालांकि, भविष्य में सरकार इस पर भी विचार कर सकती है, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी बच्चों के लिए हानिकारक प्रभाव डाल सकती है।
बच्चों की सेहत प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री वाउट्रिन ने अपने बयान में साफ कहा कि यह कदम बच्चों की भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा:
“जहां बच्चे हैं, वहां तंबाकू नहीं होना चाहिए। सिगरेट की आज़ादी वहीं खत्म हो जाती है, जहां बच्चों को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार शुरू होता है।”
यह बयान दिखाता है कि फ्रांस सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर अब पहले से कहीं ज्यादा सजग हो गई है।
जुर्माना और सख्ती
अगर कोई व्यक्ति इन नए नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे तुरंत 135 यूरो यानी लगभग 13,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना वहीं मौके पर लगाया जाएगा और किसी भी प्रकार की माफी या छूट नहीं मिलेगी।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब ताजा सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि लगभग 62% फ्रांसीसी नागरिक खुले स्थानों पर धूम्रपान के खिलाफ हैं और सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हैं।
एक उदाहरण बनेगा फ्रांस?
फ्रांस का यह नया कानून न केवल वहां के नागरिकों और पर्यटकों पर लागू होगा, बल्कि यह अन्य देशों के लिए एक उदाहरण भी बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लंबे समय से सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करता आया है।
फ्रांस सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले वर्षों में धूम्रपान के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। इनका मकसद एक स्वस्थ, सुरक्षित और बच्चों के अनुकूल समाज बनाना है।
निष्कर्ष
फ्रांस में खुले में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाना एक प्रगतिशील और साहसिक फैसला है। इससे जहां बच्चों की सेहत की रक्षा होगी, वहीं सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता भी बनी रहेगी। इस कदम से फ्रांस ने यह संदेश दिया है कि निजी आदतें भी सार्वजनिक जिम्मेदारी के दायरे में आती हैं।
अब देखना यह है कि इस फैसले को कितनी गंभीरता से लागू किया जाता है और क्या अन्य देश भी इस दिशा में फ्रांस का अनुसरण करते हैं। लेकिन फिलहाल, यह फैसला निस्संदेह स्वास्थ्य नीति में एक ऐतिहासिक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।