मुंबई, 8 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन) दाद, खुजली और चकत्ते जैसी त्वचा संबंधी समस्याएँ अक्सर होती रहती हैं। दवाएँ अस्थायी राहत तो देती हैं, लेकिन ये समस्याएँ अक्सर बनी रहती हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक इस बात पर ज़ोर देते हैं कि स्थायी राहत के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव को शामिल करते हुए एक समग्र दृष्टिकोण बहुत ज़रूरी है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर वीके पांडे (विनोबा भावे विश्वविद्यालय से आयुर्वेदिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा में स्नातक (बीएएमएस)) का मानना है कि लगातार होने वाली त्वचा संबंधी बीमारियाँ कई लोगों को परेशान करती हैं। मामूली खुजली भी दाद जैसी गंभीर समस्याओं में बदल सकती है, जिससे आराम और दिखावट प्रभावित होती है।
खुजली के कारण
- अत्यधिक मांसाहारी भोजन का सेवन शरीर की पाचन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
- चीनी का अधिक सेवन, ख़ास तौर पर मीठे पेय और ठंडे पेय पदार्थों के ज़रिए, शरीर की सहनशीलता के स्तर को पार करके त्वचा की एलर्जी को ट्रिगर कर सकता है।
- विटामिन डी या आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है, जिससे संक्रमण और खुजली की संभावना बढ़ जाती है।
- पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से, अधिक भोजन के सेवन के बावजूद, पसीने के माध्यम से शरीर की प्राकृतिक विषहरण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे असंतुलन पैदा होता है जो त्वचा की एलर्जी के रूप में प्रकट होता है।
कोई समाधान?
डॉ. वी.के. पांडे आवश्यक पोषक तत्वों को प्राथमिकता देने की सलाह देते हैं, जैसे
- आहार में सूखे मेवे शामिल करना,
- चीनी का सेवन सीमित करना,
- मांसाहारी भोजन का सेवन मध्यम मात्रा में करना, आदर्श रूप से सप्ताह में एक बार,
- प्रतिदिन व्यायाम करना,
- 3 से 4 लीटर पानी पीना, और
- उचित स्वच्छता बनाए रखना।
एक महीने तक इस नियम का पालन करने से उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।