मुंबई, 13 फ़रवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन) रोजाना एक सेब खाने से डॉक्टर से दूर रहते हैं। लेकिन क्या सेब को पूरा खाना बेहतर है या जूस के रूप में पीना? विशेषज्ञों का मानना है कि जूस की तुलना में पूरा फल चुनना हमेशा ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है।
पूरे सेब में फाइबर, विटामिन और मिनरल का पूरा पैकेज होता है। जब जूस बनाया जाता है, तो 4 से 5 सेबों का जूस गाढ़ा हो जाता है, जिससे शुगर और कैलोरी की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, सेब में घुलनशील फाइबर होता है, जो पाचन में सुधार करता है और आंत में लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। जूस बनाने के दौरान यह फाइबर खत्म हो जाता है।
बुंदेलखंड के डॉ. सुमित रावत बताते हैं कि सेब में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जो रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और एनीमिया से लड़ सकता है।
डॉ. रावत के अनुसार, रोजाना एक लाल या हरा सेब खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और बीमारियों का खतरा कम होता है। सेब के छिलके में मौजूद पेट्रिन और दूसरे पाचन एंजाइम पाचन में मदद करते हैं, जिससे कब्ज और गैस जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। हालांकि, सेब का जूस पीने से ब्लड शुगर में तेज़ी से बढ़ोतरी होती है, जिससे लीवर पर दबाव पड़ता है। पूरा फल खाने से यह समस्या नहीं होती है।
इसलिए, सेब खाने के फायदे उसके जूस पीने से कहीं ज़्यादा हैं। इसलिए, अगली बार जब आपको सेब का जूस पीने की इच्छा हो, तो इसके बजाय पूरा फल पीने पर विचार करें।