लखीमपुर खीरी, 15 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) केंद्र सरकार के वादों पर किसान संगठनों ने अपने जारी आंदोलन को रोक तो दिया है, मगर वे साथ ही सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी कड़ी निगाह जमाए हुए हैं, और समय-समय पर वे इसकी समीक्षा भी करते रहते हैं। इसी के तहत किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार के वादों की समीक्षा करने के साथ यह ऐलान भी कर दिया कि किसान नेता आगामी 21 जनवरी ने लखीमपुर खीरी में इक्कट्ठा होंगे।
ज्ञात हो कि ज्ञात हो कि विगत 3 अक्टूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी में एक गाड़ी द्वारा सड़क पर प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया गया था। जिसके प्रतिउत्तर में हुई मॉब लिंचिंग में 4 अन्य लोग भी मारे गए थे, जिसमें भाजपा के कार्यकर्ता और पत्रकार भी शामिल थे। 3 अक्टूबर की इस घटना में कुल 8 लोग मारे गए थे। किसान नेता इस घटना में शामिल मंत्री पुत्र के साथ सभी दोषियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
आज अपनी मांगों की समीक्षा के लिए किसान नेताओं से आज बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम 21 जनवरी से 3-4 दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे और प्रभावित किसान परिवारों से मुलाकात करेंगे। हम अपने आंदोलन की आगे की कार्रवाई पर भी चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।
इसी बैठक में मौजूद भारतीय किसान संघ के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अभी तक केंद्र ने फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर न तो कोई समिति बनाई है और न ही इस पर हमसे संपर्क किया है। लखीमपुर खीरी कांड में शामिल होने वाले राज्यमंत्री (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी) को सरकार ने नहीं हटाया है। अगर सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देती है तो हम 31 जनवरी को 'विरोध दिवस' मनाएंगे।
बता दें कि लखीमपुर खीरी मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कोर्ट में 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की हुई है। इस चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा सहित कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है।