पबजी एडिक्ट ने की मां बाप की हत्या, पुलिस पहुंची तो हंसते हुए कहा, हां मैंने ही मारा, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Saturday, August 5, 2023

मुंबई, 5 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। झांसी में पबजी एडिक्ट 26 साल के बेटे ने तवा मारकर मां-बाप की हत्या कर दी। इसके बाद वह नहाया। कपड़े बदले और कमरे में जाकर आराम से बैठ गया। हत्या की सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो आरोपी बेटा चारपाई पर बैठा मिला। पुलिस को देखकर हंसने लगा। इंस्पेक्टर ने पूछा तो पहले कुछ नहीं बोला। फिर बोला, हां, मैंने ही मारा है। आरोपी का नाम अंकित है। बहन नीलम ने बताया कि भाई पबजी का एडिक्ट था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पिता उसको गेम नहीं खेलने देते थे। इसको लेकर अक्सर लड़ता था। शक है कि इसी विवाद में उसने हत्या कर दी। वारदात नवाबाद थाना क्षेत्र के पिछौर में हुई। यहां लक्ष्मी प्रसाद, पत्नी विमला के साथ रहते थे। वह पलरा के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल थे। बेटा अंकित साथ रहता था। जबकि तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम और सुंदरी की शादी हो चुकी थी। नीलम का ससुराल पड़ोस की कॉलोनी में है। छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई कर रही है। अंकित घर पर ही मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था। बहन नीलम ने बताया कि वो मोबाइल पर गेम बहुत ज्यादा खेल रहा था। छह महीने तो कमरे से ही नहीं निकला था। इसी में वह डिस्टर्ब हो गया था। उसका व्यवहार भी बदल गया था। मम्मी-पापा से मारपीट भी करता था। उससे सभी परेशान थे।

वहीं, बहन नीलम ने बताया कि वह पिता लक्ष्मी प्रसाद को फोन कर रही थी, लेकिन उनका फोन पिक नहीं हुआ। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले काशीराम को कॉल किया। उनसे घर जाकर देखने के लिए कहा। जब घर पहुंचे तो मेन गेट खुला मिला। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो जमीन पर खून फैला था। पिता की सांसें थम चुकी थीं। जबकि मां विमला कराह रही थीं। पड़ोसी काशीराम ने नीलम और पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो मां विमला को तुरंत मेडिकल कॉलेज ले गई। वहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। वहीं, पुलिस घर के अंदर पहुंची तो एक कमरे में अंकित था। पुलिस ने बताया कि वह चारपाई पर आराम से बैठा हुआ था। इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्रा ने बताया कि अंकित को इस हत्या का कोई अफसोस नहीं था। मानसिक तौर पर वह ठीक नहीं लग रहा था। हत्या के बाद उसने भागने की कोशिश नहीं की। लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। नीलम ने बताया कि कोरोना के वक्त अंकित की जॉब छूट गई थी। वो रेलवे हॉस्पिटल में कंपाउंडर था। लॉकडाउन के दौरान वो घर में ही रहा। इस दौरान मोबाइल और लैपटॉप पर कई-कई घंटे गेम खेलता था। उसने मां-पिता से पहले भी मारपीट की थी। वो उसे गेम खेलने से मना करते थे और दोबारा जॉब करने को कहते थे। माना जा रहा है कि इसी विवाद में उसने दोनों की हत्या कर दी।


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