रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में NIA ने कहा, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाजपा दफ्तर पर अटैक फेल हुआ तो कैफे टारगेट बना, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, September 9, 2024

मुंबई, 9 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को हुए IED ब्लास्ट मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन चारों के नाम हैं- मुस्सविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुज्जमिल शरीफ। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक ताहा और शाजिब को उनका हैंडलर क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड भेजता था। इन फंड्स के इस्तेमाल से आरोपियों ने बेंगलुरु में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था। इसमें बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर किया गया IED हमला भी शामिल है, जो नाकाम हो गया था। यह हमला 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर किया गया था। इसी के बाद आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट की प्लानिंग की थी।

आपको बता दें, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इस मामले में 3 मार्च को इन्वेस्टिगेशन शुरू किया था। जांच के दौरान NIA ने राज्य पुलिस अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कई तकनीकी और फील्ड इन्वेस्टिगेशन किए थे। 23 मार्च को NIA ने शाजिब और ताहा की पहचान की थी। जांच में सामने आया था कि शाजिब ने ही कैफे में बम रखा था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने बताया था कि शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा हैं। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था। 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद दोनों पुलिस से छिपते फिर रहे थे। ताहा तमिलनाडु पुलिस इंस्पेक्टर के. विल्सन की हत्या के मामले में वॉन्टेड था और चेन्नई में मुख्य संदिग्ध के साथ रहा था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने 26 मार्च को चिकमंगलुरु के रहने वाले मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार किया था। मुजम्मिल ने शाजिब और ताहा को ब्लास्ट से जुड़ा सामान मुहैया कराया था। मुजम्मिल को पकड़ने के लिए NIA ने तीन राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की। तलाशी के दौरान कुछ कैश के साथ कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए थे। NIA ने लगातार शाजिब और ताहा की तलाश की, तब जाकर कैफे ब्लास्ट के 42 दिन बाद वे पश्चिम बंगाल से मिले थे।

वहीं, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने कहा कि दोनों आरोपी अन्य मुस्लिम युवाओं को ISIS की विचारधारा में कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने जिन युवाओं का ISIS में शामिल किया था उनमें माज मुनिर अहमद और मुजम्मिल शरीफ शामिल थे। ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से सिम कार्ड हासिल किया था और बैंक अकाउंट भी खुलवाया था। उन्होंने डार्क वेब से डाउनलोड किए गए भारतीय और बांग्लादेशी आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट्स का भी इस्तेमाल किया था।

दरअसल, मामले की जांच के दौरान CCTV फुटेज में दिखा कि मास्क लगाए हुए एक व्यक्ति कैफे के पास बस से उतरता है और 11:30 बजे कैफे में दाखिल होता है। आरोपी की उम्र 25 से 30 साल के बीच है। वह एक बैग लेकर आया था। कैफे में उसने इडली ऑर्डर की, काउंटर पर पेमेंट करके टोकन लिया। इसके बाद 11:45 बजे बैग को डस्टबिन के पास रखकर चला गया। एक घंटे बाद इसी बैग में टाइमर के जरिए धमाका हुआ था जिसमें 9 लोग घायल हुए थे।घटना के बाद सबसे पहले फायर ब्रिगेड और व्हाइट फील्ड पुलिस ने बताया था कि सिलेंडर में विस्फोट हुआ है। उन्होंने कहा जब हम मौके पर पहुंचे तो कैफे की दीवार पर लगा शीशा टूटकर टेबल पर बिखरा पड़ा था। भाजपा ने विस्फोट पर संदेह जताया और बम ब्लास्ट का दावा किया। शाम साढ़े 5 बजे खुद CM सिद्धारमैया ने बताया- यह एक लो इंटेंसिटी का IED ब्लास्ट था। एक शख्स कैफे में बैग छोड़कर गया, जिसके बाद विस्फोट हुआ।


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