मुंबई, 19 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 3 नए आपराधिक कानूनों को लेकर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल मामले की सुनवाई कर सकते हैं। सरकार बता चुकी है कि इन भारतीय दंड संहिता (IPC) में सुधारों के बाद ये तीनों कानून बने। तीनों कानूनों को लेकर याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि ये तीनों बिल संसद में बिना बहस के पास कर दिए गए। साथ ही उस समय ज्यादातर विपक्षी सांसद सस्पेंड थे। लोकसभा ने 21 दिसंबर 2023 को तीन बिलों भारतीय न्याय (दूसरा) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (दूसरा) संहिता और भारतीय साक्ष्य (दूसरा) संहिता बिल पास किए थे। 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन बिलों पर दस्तखत किए थे।
वहीं, तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। सरकार ने 24 फरवरी 2024 को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की थी। यानी इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं, दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। हालांकि, हिट एंड रन केस का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से सलाह के बाद ही लिया जाएगा।