मुंबई, 05 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों पर चैट जीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल्स के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी। कर्मचारी ऑफिस के डिवाइस यानी मंत्रालय की ओर से दिए गए कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट जैसे डिवाइस में एआई टूल्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।व्यय विभाग की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश से पता चलता है कि AI टूल्स के इस्तेमाल से गोपनीय सूचनाएं लीक होने का खतरा है। इसके चलते ही यह कदम उठाया गया है। यह आदेश मंत्रालय के सभी विभागों पर लागू होगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देश भी एआई टूल्स बैन कर चुके हैं। चैटजीपीटी (चैट जनरेटिव प्री ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट चैटबॉट है। यह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर जवाब देता है।
सूचनाएं लीक होने के खतरे की जानकारी इंटरनल डिपार्टमेंट एडवाइजरी से मिली है। एडवाइजरी की रिपोर्ट बीते दिन 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर सामने आई थी। बैन की खबर ऐसे समय सामने आई है जब चैटजीपीटी डेवलप करने वाली कंपनी ओपन एआई के CEO सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर हैं। बुधवार सुबह ही उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की है। इस मामले पर अब तक वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी या उसकी पैरेंट कंपनी ओपनएआई और डीपसीक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।