मुंबई, 12 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। 10 जून को 15 राज्यों की 57 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख का ऐलान किया। इन सभी सीटों के सांसदों का कार्यकाल जून से अगस्त के बीच पूरा हो रहा है।तो वही राज्ससभा चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी की जाएगी। जबकि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मई रखी गई है। वोटिंग 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। काउंटिंग इसी दिन शाम 5 बजे से शुरू होगी।
इन चुनावों में उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा 11 सीटों पर वोटिंग होगी। जिनमें BJP को 7 सीटें मिल सकती हैं। बाकी बची 4 सीटों पर समाजवादी पार्टी दावा कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा के रिटायर होने के बाद BSP के पास राज्य सभा में केवल एक ही सीट रह जाएगी। तो वही तमिलनाडु से 6 और महाराष्ट्र से 6, बिहार से 5, कर्नाटक से 4, राजस्थान से 4 और आंध्र प्रदेश से 4, मध्य प्रदेश से 3, ओडिशा से 3, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से 2-2 तथा उत्तराखंड से एक सीट पर चुनाव होगा। राज्यसभा में मनोनीत सांसदों की सात सीटें भी फिलहाल खाली हैं। तो वही आपको बता दे कि 5 राज्यों केरल, पंजाब, असम, त्रिपुरा और नागालैंड की 13 सीटों के लिए 31 मार्च को वोटिंग हुई थी।
BJP की नजर राज्यसभा में भी बहुमत हासिल करने पर है। 245 सीटों में से भाजपा के पास 101 सीटें हैं। चुनाव के बाद इनकी संख्या और बढ़ सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस के पास 29 सीटें हैं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से दो सीटें कम होंगी, हालांकि इनकी भरपाई राजस्थान और छत्तीसगढ़ कर सकती है। इस बार पंजाब उसके हाथ से पूरी तरह निकल जाएगा। कुल मिलाकर भाजपा की ताकत बढ़ने का सीधा असर जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ेगा। राजस्थान में 10 सीटों में से 4 सीटें 4 जुलाई को खाली होने वाली हैं। अभी इन सीटों पर बीजेपी के ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा, हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर निर्वाचित हैं। वहीं, अब बहुमत और सीटों की संख्या के आधार पर इन 4 में से 2 सीटों पर कांग्रेस को स्पष्ट जीत मिलती नजर आ रही है। जबकि बीजेपी की एक सीट पक्की मानी जा रही है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। ऐसे में राज्यसभा चुनावों का पहले होना राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों सदनों के 776 सांसदों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 4,120 विधायकों वाले निर्वाचक मंडल में 1,098,903 वोट हैं, जबकि बहुमत 549,452 वोटों का है। जहां तक वोट वैल्यू का सवाल है, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 83,824 वोट हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है।
इन 57 सीटों में से जिन सांसदों की वापसी हो सकती है, उनमें कर्नाटक से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, झारखंड से मुख्तार अब्बास नकवी और महाराष्ट्र से पीयूष गोयल का नाम शामिल होगा। कांग्रेस भी अंबिका सोनी, जयराम रमेश, विवेक तन्खा को वापस लाने की कोशिश कर सकती है।
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 123 होता है। भाजपा धीरे-धीरे बहुमत की ओर बढ़ रही है। 2014 में राज्यसभा में भाजपा की सीटें 55 थीं और तब से लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि पार्टी ने कई राज्यों में सत्ता हासिल की है। 1988 में कांग्रेस के पास 108 सदस्य थे। फिर 1990 में हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद संख्या गिरकर 99, 2012-13 के बीच 72 पहुंच गई और अभी तक कांग्रेस के सदस्यों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली है।