मुंबई, 12 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का दो घंटे इंतजार किया, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए। मैं उन लोगों से माफी मांगना चाहती हूं जिन्हें लगा था कि आज डॉक्टरों और सरकार के बीच बैठक होगी और इस आंदोलन का हल निकलेगा। लोगों की खुशी के लिए मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, मैं भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रेप-मर्डर केस में न्याय चाहती हूं। जूनियर डॉक्टर्स के काम रोक देने के चलते 27 लोगों की जान गई है, 7 लाख मरीजों की हालत खराब है। इसके बावजूद मैं डॉक्टर्स के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लूंगी, बड़े होने के नाते मैंने उन्हें माफ किया। दरअसल, बंगाल में धरना दे रहे जूनियर डॉक्टर्स को ममता सरकार ने शाम 5 बजे मुलाकात के लिए बुलाया था। डॉक्टर्स नबन्ना पहुंचे, लेकिन मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट कराने की शर्त पर अड़े रहे, जबकि सरकार इसके लिए नहीं मानी। पिछले 3 दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल थी। डॉक्टर्स ने पिछले दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उनकी 5 मांगें हैं। उन्होंने इस पर बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 34 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं, ममता ने यह भी कहा कि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर का मामला कोर्ट में है, ऐसे में हम इस मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत नहीं दे सकते थे। हमने इस बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग करने की तैयारी की थी, अगर डॉक्टर्स चाहते तो हम सुप्रीम कोर्ट की इजाजत लेकर उनसे यह रिकॉर्डिंग शेयर कर देते। तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर्स को आदेश दिया है कि वे काम पर लौट जाएं, इसके बावजूद पिछले तीन दिन से मैं उनका इंतजार कर रही हूं कि वे आएं और अपनी समस्याएं सुलझाएं। हम बस ये चाहते हैं कि आम लोगों को इलाज मिलता रहे। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी जॉइन करें। ममता के इस बयान को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि हमें भी इस बात का दुख है कि सरकार के साथ हमारी बातचीत नहीं हो पाई। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं। हम अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं।