नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल का नाम क्यों, वो सबकुछ जो जानना जरूरी? अब आगे क्या

Photo Source :

Posted On:Wednesday, April 16, 2025

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इनके खिलाफ दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है।

चार्जशीट में इन तीनों के साथ सुमन दुबे और कुछ अन्य लोगों का नाम भी शामिल है। अब कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख तय की है। यह मामला पहली बार 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका के बाद चर्चा में आया था।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

इस केस की जड़ें 1938 में स्थापित 'नेशनल हेराल्ड' अखबार से जुड़ी हैं, जिसकी मालिकाना कंपनी है एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)। AJL की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू और कुछ स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी।

वर्ष 2011 में कांग्रेस ने AJL की 90 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाने का दावा किया और इसके बाद सिर्फ 5 लाख रुपये से 'यंग इंडियन लिमिटेड' (YIL) नाम की कंपनी बनाई गई। इस कंपनी में राहुल और सोनिया गांधी की 38-38% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष हिस्सेदारी ऑस्कर फर्नांडिज, मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के पास थी।

माना जाता है कि AJL के अधिकांश शेयर YIL को ट्रांसफर कर दिए गए थे। इस प्रक्रिया में कथित तौर पर यंग इंडियन को AJL की हजारों करोड़ की संपत्ति का अधिकार मिल गया, जबकि YIL ने इसके बदले सिर्फ 50 लाख रुपये खर्च किए।

ED का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में कहा है कि इस पूरे सौदे में 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। ED का दावा है कि AJL के पास मुंबई, दिल्ली, लखनऊ और अन्य शहरों में कुल 661.69 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां थीं, जो अब यंग इंडियन के नियंत्रण में आ गईं।

इसके अलावा, यंग इंडियन के पास AJL में 90.21 करोड़ रुपये की आपराधिक आय के रूप में इक्विटी शेयर थे। ये सारी संपत्तियां और धनराशि कथित रूप से अवैध तरीकों से प्राप्त की गई।

कांग्रेस का बचाव

कांग्रेस पार्टी ने इन सभी आरोपों को लगातार खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि ये केस राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा है कि सरकार अपनी विफलताओं और जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मामलों को बार-बार उठाती है।

आगे क्या?

अब यह मामला कोर्ट में पहुंच चुका है और 25 अप्रैल को इसकी सुनवाई होनी है। अगर कोर्ट चार्जशीट को संज्ञान में लेता है, तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई आगे बढ़ सकती है।

यह केस न सिर्फ कानूनी रूप से अहम है, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस तरह के मामलों का असर राजनीतिक माहौल पर भी पड़ सकता है।

निष्कर्ष

नेशनल हेराल्ड केस भारतीय राजनीति का एक गंभीर और जटिल मामला बन चुका है। इसमें सत्ता, संपत्ति और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों का संगम देखने को मिलता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और राजनीतिक दल इसका कैसे फायदा या नुकसान उठाते हैं।


ग्वालियर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. gwaliorvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.