आतंकियों के दो सहयोगी शोपियां से गिरफ्तार, संदिग्ध गतिविधियों में दिखे शामिल

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Posted On:Monday, May 19, 2025

जम्मू-कश्मीर के शोपियां से बड़ी सुरक्षा सफलता की खबर आई है, जहां सुरक्षाबलों ने आतंकियों के दो ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपितों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। यह गिरफ्तारी शोपियां के डीके पोरा क्षेत्र की है, जहां सुरक्षाबलों की टीम ने संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर कार्रवाई की। गिरफ्तार हुए OGW की पहचान जाहिद अहमद (डीके पोरा, शोपियां) और अनवर खान (कठुआ) के रूप में हुई है।


संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर गिरफ्तारी

शोपियां में SOG (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप), CRPF की 178वीं बटालियन और 34वीं आरआर की संयुक्त नाका पार्टी ने जांच-पड़ताल के बाद जाहिद अहमद और अनवर खान को उनकी संदिग्ध हरकतों के चलते गिरफ्तार किया। शुरुआती तलाशी में उनके कब्जे से 2 हैंड ग्रेनेड, 1 पिस्तौल और 35 जिंदा राउंड बरामद हुए।

पूछताछ के दौरान दोनों की दी जानकारी के आधार पर नाका पार्टी ने एक अन्य स्थान से अतिरिक्त हथियार बरामद किए, जिनमें 1 पिस्तौल, 2 हैंड ग्रेनेड और 8 जिंदा राउंड शामिल थे। कुल मिलाकर इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों को दोनों OGW के कब्जे से 2 पिस्तौल, 4 हैंड ग्रेनेड और 43 जिंदा राउंड मिले।


बरामद हथियार और गोला-बारूद का खतरा

इस तरह का हथियार और गोला-बारूद आतंकवादी गतिविधियों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विस्फोटक हमला करने में होता है, जबकि पिस्तौल और जिंदा राउंड स्थानीय स्तर पर आतंकियों के लिए सुरक्षा और हमला दोनों का जरिया होती हैं। ऐसे हथियारों की बरामदगी से साफ होता है कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और गुप्त सूचना तंत्र कितना कारगर है।


जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सक्रियता

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सक्रियता लगातार बढ़ी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में संयुक्त ऑपरेशन और सर्च अभियान जारी हैं, जिनका मकसद आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करना और आम जनता को सुरक्षित रखना है। इन अभियानों में कई आतंकवादी मारे गए हैं और अनेक को गिरफ्तार किया जा चुका है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि भारतीय सेना द्वारा चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी समाप्त नहीं हुआ है। यह ऑपरेशन आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का हिस्सा है और सेना लगातार उन क्षेत्रों में दंडात्मक कार्रवाई कर रही है जहां आतंकवादी सक्रिय हैं।


शोपियां की सुरक्षा पर खास नजर

शोपियां जम्मू-कश्मीर का एक संवेदनशील इलाका है, जहां आतंकवादी सक्रिय रहते हैं। यहां के स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल सतर्क रहते हैं। OGW की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादी अब भी स्थानीय लोगों के बीच घुसपैठ करने और आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाबलों की सतर्कता और कुशल कार्रवाई के चलते कई बड़े हमलों को टाला गया है।


OGW का आतंकवादी गतिविधियों में कनेक्शन

ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) आतंकवादी संगठन के लिए जमीन पर सहयोगी का काम करते हैं। ये स्थानीय स्तर पर आतंकवादियों के लिए गोपनीय जानकारी इकट्ठा करते हैं, हथियारों और संदिग्ध वस्तुओं की आवाजाही में मदद करते हैं, और सुरक्षा बलों की नजरों से बचाने का काम करते हैं। जाहिद अहमद और अनवर खान जैसे OGW की गिरफ्तारी आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करने में अहम कदम है।


जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र सुरक्षा बलों की भूमिका

शोपियां में हुई इस बड़ी कार्रवाई में SOG, CRPF और 34 RR की संयुक्त नाका पार्टी ने हिस्सा लिया। यह तीनों बल जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। SOG आतंकवाद विरोधी अभियान में विशेषज्ञता रखता है, जबकि CRPF और 34 RR सीमाओं और भीतरी सुरक्षा को मजबूत करते हैं।

ऐसे संयुक्त अभियान आतंकवाद को खत्म करने और राज्य में शांति बहाल करने में मददगार साबित होते हैं।


आगे की चुनौतियां और उम्मीदें

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है और OGW की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि खतरा अभी भी बना हुआ है। हालांकि सुरक्षा बलों की सतर्कता, सही समय पर सूचनाएं और प्रभावी कार्रवाई से आतंकवाद के पैर कुचलने की प्रक्रिया जारी है।

स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वे जनता के सहयोग से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करें। जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आतंकवाद के लिए जमीन पूरी तरह से साफ करना अभी भी प्राथमिकता है।


निष्कर्ष

शोपियां से आतंकवाद के सहयोगी OGW की गिरफ्तारी और भारी हथियारों की बरामदगी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की लगातार बढ़ती सक्रियता का प्रमाण है। यह सफलता आतंकवाद के विरुद्ध जारी लड़ाई में एक बड़ी जीत है।

इस तरह की कार्रवाई से स्थानीय जनता में सुरक्षा का भरोसा बढ़ता है और आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलती है। भारत सरकार और सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता के कारण जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास की उम्मीदें मजबूत होती जा रही हैं।

आने वाले समय में ऐसे और भी कारगर ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ जारी रहेंगे और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।


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