उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की हार पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक तरह से वर्ल्ड कप फाइनल को गुजरात में कराने पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर वर्ल्ड कप फाइनल गुजरात की जगह लखनऊ में होता तो भारतीय टीम जीतती. इसके लिए उन्होंने एक अजीब समीकरण भी दिया. दरअसल, समाजवादी पीडीए यात्रा के सैफई पहुंचने पर अखिलेश यादव ने एक बड़ी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम की हार का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया.
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर वर्ल्ड कप फाइनल गुजरात की जगह लखनऊ में होता तो बहुत से लोगों को आशीर्वाद मिलता. इसी आशीर्वाद से भारतीय टीम फाइनल जीत सकी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) को साधने में लगे हुए हैं। इसके जरिए वह लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए समाजवादी पीडीए यात्रा निकाली जा रही है. 40 जिलों में 208 दिनों में 8500 किलोमीटर की यात्रा समाजवादी तय कर रहे हैं. इसमें सभी वर्गों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की जा रही है.
2024 में फाइटर जेट साइकिल चालकों को सलामी देंगे
समाजवादी पीडीए यात्रा के दौरान आयोजित सभा में अखिलेश यादव ने कहा कि जो लड़ाकू विमान वहां सलामी देते नजर आए, वही 2024 में हमें सलामी देते नजर आएंगे. दरअसल, सपा अध्यक्ष विश्व कप के फाइनल मैच में सूर्य किरण विमानों के करतब के बारे में बात कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम की हार का जिक्र किया. इससे पहले अखिलेश ने कहा कि आप देखेंगे कि लड़ाकू विमान ऊपर की ओर उड़ रहे हैं. यह साइकिल चालकों को सलामी देते हुए निकलेगा। 2024 में हम जीतेंगे.
भगवान और अटल जी का आशीर्वाद
इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कहूंगा कि ये मैच जो गुजरात में हुआ, अगर ये लखनऊ के स्टेडियम में होता तो उन्हें बहुत आशीर्वाद मिलता. स्टेडियम का नाम इकाना होने के कारण भारतीय टीम को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अब नहीं रहे. उन्होंने इसका नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रख दिया. अखिलेश ने कहा कि अगर वहां मैच होगा तो भगवान भी अटल बिहारी बाजपेयी को आशीर्वाद देंगे. भारत जीत गया था. अखिलेश यादव ने कहा कि अब सुनने में आ रहा है कि वहां की पिच भी गड़बड़ थी. लोगों की तैयारी अधूरी रह गयी. कभी-कभी वक्त बता देता है कि वक्त अब उनका नहीं रहा. और भी लोग आ रहे हैं. इसके जरिए वह लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी दावेदारी पेश करते दिखे.