पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक अप्रत्याशित और चौंकाने वाली खबर ने सभी को हैरत में डाल दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, पूर्व लोकसभा सांसद और पूर्व विधायक दिलीप घोष अपनी पार्टी की ही एक सक्रिय नेता रिंकू मजूमदार से विवाह करने जा रहे हैं। वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में अविवाहित रहने वाले घोष की शादी की खबर जैसे ही सामने आई, राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
अचानक सामने आई शादी की खबर
हालांकि, दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार के बीच क़रीबी संबंधों की चर्चाएं पहले भी होती रही थीं, लेकिन अब तक किसी ने इस पर सार्वजनिक पुष्टि नहीं की थी। अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों नेता शुक्रवार को कोलकाता के न्यू टाउन स्थित दिलीप घोष के आवास में कोर्ट मैरिज करेंगे। इसके बाद, शुभ मुहूर्त देखकर वे हिंदू रीति-रिवाजों से पारंपरिक शादी भी करेंगे, जिसमें उनके नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य शामिल होंगे।
जब मीडिया ने इस खबर की पुष्टि के लिए दिलीप घोष से संपर्क किया तो उन्होंने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, रिंकू मजूमदार ने भी सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने "थोड़ा इंतजार करें" कहकर इशारों में इस खबर पर मुहर लगा दी।
उम्र के बंधन को तोड़ने वाली प्रेम कहानी
दिलीप घोष जहां 61 वर्ष के हैं, वहीं रिंकू मजूमदार की उम्र करीब 50 साल बताई जा रही है। रिंकू एक तलाकशुदा महिला हैं और अपने एक बेटे के साथ अपनी मां के घर पर रहती हैं। सूत्रों के मुताबिक, रिंकू की मां ने ही इस रिश्ते के लिए हामी भरी और दोनों को विवाह के लिए प्रेरित किया।
रिंकू मजूमदार पहले भी राजनीति में सक्रिय रही हैं, लेकिन दिलीप घोष से मुलाकात के बाद उनका भाजपा से जुड़ाव और अधिक गहरा हो गया।
मॉर्निंग वॉक से शुरू हुई थी दोस्ती
इस प्रेम कहानी की शुरुआत साल 2021 में कोलकाता के इको पार्क में हुई। वहां दिलीप घोष और रिंकू की मॉर्निंग वॉक के दौरान मुलाकात हुई। जल्द ही यह मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर रिश्ता गहराता गया। रिंकू ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और जल्द ही महिला मोर्चा में सक्रिय भूमिका निभाने लगीं। वर्तमान में वे राज्य के चार जिलों में भाजपा के उच्च पदों पर काम कर रही हैं।
दिलीप घोष की राजनीतिक यात्रा
राजनीतिक रूप से देखा जाए तो दिलीप घोष का सफर बेहद प्रभावशाली रहा है।
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वे 2015 में भाजपा से जुड़े और इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रचारक के रूप में काम कर चुके थे।
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संघ की अनुशासनप्रिय जीवनशैली के कारण उन्होंने शादी नहीं की थी।
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भाजपा में शामिल होने के कुछ ही समय बाद, 2015 के दिसंबर में वे पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष बने।
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2016 में खड़गपुर से विधायक चुने गए और
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2019 में मेदिनीपुर लोकसभा सीट से सांसद बने।
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हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में वे दुर्गापुर सीट से चुनाव हार गए।
उनकी शादी की खबर ने राजनीतिक हलकों में उत्सुकता जगा दी है और सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं देने वालों की बाढ़ आ गई है।
निजी जीवन में नई शुरुआत
राजनीति में हमेशा आक्रामक तेवर दिखाने वाले और बेबाक बयानों के लिए चर्चित रहे दिलीप घोष के इस फैसले को उनके निजी जीवन की एक नई शुरुआत माना जा रहा है। अपने जीवन का एक लंबा हिस्सा सार्वजनिक सेवा और संगठन के प्रति समर्पित करने के बाद, अब वे अपने निजी जीवन में स्थायित्व की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
उनकी यह शादी इस बात का प्रतीक बन रही है कि प्रेम और साथी की तलाश की कोई उम्र नहीं होती। रिंकू और दिलीप की जोड़ी कई लोगों के लिए प्रेरणादायक बन रही है।
निष्कर्ष
राजनीति से जुड़े चेहरों की निजी जिंदगी हमेशा सुर्खियों में रहती है, लेकिन दिलीप घोष और रिंकू मजूमदार की शादी की खबर ने बंगाल ही नहीं, बल्कि देशभर के राजनीतिक हलकों को चौंका दिया है। उम्र के इस पड़ाव में लिया गया यह फैसला दर्शाता है कि जीवन में कभी भी नए अध्याय की शुरुआत की जा सकती है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि यह जोड़ा कब और किस अंदाज में अपने रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है और पारंपरिक शादी की रस्में कब पूरी होती हैं।