प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के 51,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति पत्र सौंपे। यह आयोजन देशभर में 47 विभिन्न केंद्रों पर एक साथ आयोजित किया गया, जिसे रोजगार मेला नाम दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने युवा उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए उन्हें देश के विकास में भागीदार बनने का आह्वान किया और कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव यही युवा रखने जा रहे हैं।
रोजगार मेले की श्रृंखला का 15वां आयोजन
यह रोजगार मेला, केंद्र सरकार की नवाचार आधारित रोजगार सृजन नीति का हिस्सा है और यह 15वां राष्ट्रीय रोजगार मेला था। यह पहल प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने रोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,
“सरकार का यह प्रयास केवल नियुक्ति पत्र देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के युवाओं को एक नई दिशा और ऊर्जा देने की प्रक्रिया है। रोजगार के ये अवसर ना केवल युवाओं के जीवन में परिवर्तन लाएंगे, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के हमारे संकल्प को भी गति देंगे।”
देश के 47 स्थानों पर एक साथ हुआ आयोजन
इस रोजगार मेले के आयोजन को पैन इंडिया इवेंट के रूप में तैयार किया गया था। देश के 47 शहरों में एक साथ यह कार्यक्रम आयोजित हुआ और लाखों उम्मीदवारों ने इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर देखा। विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इन युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
कई अहम विभागों में मिली तैनाती
नियुक्ति पाने वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों में की गई है। जिन मंत्रालयों और विभागों में इन उम्मीदवारों को स्थान मिला है, उनमें शामिल हैं:
इस व्यापक नियुक्ति प्रक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि सरकार सिर्फ नौकरियां दे रही है, बल्कि देश की प्रशासनिक क्षमता और दक्षता को भी सशक्त बना रही है।
रोजगार मेला: युवाओं के लिए अवसर और उम्मीद
रोजगार मेला केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य युवाओं को समयबद्ध, पारदर्शी और योग्यता आधारित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी के अवसर देना है। इससे युवाओं में विश्वास और पारदर्शिता की भावना को बल मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“आज का युवा आत्मविश्वास से भरा है, वह सिर्फ नौकरी नहीं चाहता बल्कि देश के विकास में योगदान देना चाहता है। यह रोजगार मेला उन्हें यही अवसर प्रदान कर रहा है।”
पिछले रोजगार मेलों की सफलता
इससे पहले 23 दिसंबर 2024 को आयोजित 14वें रोजगार मेले में प्रधानमंत्री मोदी ने 71,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे थे। उस अवसर पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि देश की प्रगति और युवाओं के सामर्थ्य को एकजुट कर भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने अपने पूर्व संबोधन में यह भी बताया था कि पिछले 18 महीनों में करीब 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में स्थान दिया गया है, जो सरकार की युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
रोजगार मेला, सिर्फ एक भर्ती प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह भारत सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें राष्ट्रीय विकास में भागीदार बनाने की योजना है। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“युवाओं के हाथ में जब नौकरी होती है, तो वह सिर्फ परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की तस्वीर बदलने की ताकत रखते हैं। हमारा लक्ष्य हर युवा को अवसर देना है, ताकि वह खुद को और देश को आगे ले जा सके।”
डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की पहल
रोजगार मेला की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से पारदर्शी बनाया गया है। आवेदकों का चयन, दस्तावेजों की जांच और नियुक्ति पत्रों का वितरण पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया गया। इससे एक ओर जहां भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हुई है, वहीं दूसरी ओर दूर-दराज के उम्मीदवारों को भी अवसर मिला है।
युवाओं में उत्साह और ऊर्जा
इस अवसर पर नियुक्ति पाने वाले कई युवाओं ने अपनी खुशी व्यक्त की। दिल्ली के रोहित कुमार, जिन्हें डाक विभाग में नियुक्ति मिली, ने कहा,
“यह मेरी पहली सरकारी नौकरी है और मैं पीएम मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने युवाओं को इस तरह का मंच दिया।”
जयपुर की नेहा शर्मा, जिन्हें श्रम मंत्रालय में नियुक्त किया गया, ने कहा,
“इस पहल से हम जैसे सामान्य परिवारों के छात्रों को भी उम्मीद की किरण दिखाई दी है।”
निष्कर्ष: देश का भविष्य बनते युवा
26 अप्रैल 2025 का यह रोजगार मेला सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि नवभारत के निर्माण में युवा शक्ति के योगदान का उत्सव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह पहल भारतीय युवाओं के लिए एक सशक्तिकरण अभियान बन चुकी है।
नियुक्ति पत्र सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, स्थायित्व और विकास का प्रतीक है। ऐसे आयोजनों से यह साफ है कि भारत सरकार युवाओं को सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि अवसर भी देना चाहती है, ताकि वे देश की बुनियाद को और अधिक मज़बूत कर सकें।