चिकित्सा विभाग की नई पहल, अब जल्द ही मरीजों को अस्पतालों में लाइन लगाने से मिलेगी मुक्ति

Photo Source :

Posted On:Wednesday, July 3, 2024

बीमा पॉलिसी बेचते समय कंपनियां बड़े-बड़े वादे और दावे करती हैं, लेकिन जब दावों की बात आती है, तो वे नए बहाने खोजने लगती हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई, जिसमें बताया गया कि करीब 42 फीसदी पॉलिसीधारकों को इलाज के बाद क्लेम मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, खास तौर पर स्वास्थ्य बीमा मामलों में। 42 फीसदी का आंकड़ा काफी ज्यादा है और इसे गंभीरता से लेते हुए बीमा नियामक IRDAI ने कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है।

IRDAI ने मास्टर प्लान जारी कर बीमा कंपनियों से साफ शब्दों में कहा है कि इस काम में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए और 31 जुलाई तक हर हाल में यह सुविधा लागू हो जानी चाहिए। माना जा रहा है कि 1 अगस्त 2024 से सभी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। कैशलेस क्लेम का मतलब है कि पॉलिसी शर्तों में बताए गए इलाज का पूरा खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। अभी कई मामलों में कंपनियां बाद में रिइम्बर्समेंट मांगती हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है और क्लेम में देरी होती है।

हर अस्पताल में स्वास्थ्य बीमा धारकों के लिए हेल्प डेस्क होगी बीमा नियामक IRDAI ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने सर्कल के सभी अस्पतालों में एक फिजिकल हेल्प डेस्क स्थापित करें, जिससे पॉलिसीधारकों को तत्काल सहायता मिल सके। नियामक ने कहा है कि अब सभी कंपनियों को 100% कैशलेस क्लेम देना होगा। पूरी प्रक्रिया 3 घंटे के भीतर पूरी करनी होगी। अगर इसमें अधिक समय लगता है और अस्पताल अतिरिक्त शुल्क लगाता है, तो बीमा कंपनी को इसकी प्रतिपूर्ति करनी होगी उपचार शुरू होने से पहले मंजूरी IRDAI ने अपने मास्टर सर्कुलर में कहा है कि बीमा कंपनियां सभी बीमा धारकों को पहले से अधिकृत करेंगी। इसके लिए उन्हें 1 घंटे का समय दिया गया है।

इसका मतलब है कि जैसे ही कोई व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल पहुंचता है, अस्पताल बीमा कंपनी को पॉलिसीधारक के इलाज के खर्च का अनुमान लगाते हुए एक ड्राफ्ट भेजता है। अस्पताल यह पूछेगा कि क्या बीमा कंपनी व्यक्ति के इलाज का खर्च उठाने के लिए तैयार है डिस्चार्ज का समय भी तय IRDAI ने कंपनियों को दो स्पष्ट बिंदुओं में निर्देश दिया है कि बीमा कंपनियां पैसे के कारण अस्पताल से डिस्चार्ज में देरी नहीं कर सकती हैं। कंपनियों को डिस्चार्ज के लिए 3 घंटे के भीतर अंतिम मंजूरी देनी होगी। यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी को दावे का तुरंत निपटान करना चाहिए, और अस्पताल शव को रोककर नहीं रख सकता।

प्रमुख स्वास्थ्य बीमा प्रदाता बजाज आलियांज में स्वास्थ्य प्रशासन टीम के प्रमुख भास्कर नेरुरकर के अनुसार, अधिकांश कंपनियां पहले से ही 30 मिनट से 1 घंटे के भीतर पूर्व-अधिकृतता उपलब्ध कराती हैं। उनका मानना ​​है कि IRDA के इस कदम से बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों दोनों को लाभ होगा, जिससे अनावश्यक विवादों से बचने में मदद मिलेगी। वह उपभोक्ताओं को त्वरित दावा निपटान के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने की सलाह भी देते हैं, जिससे कंपनी के लिए भी प्रक्रिया आसान हो जाएगी।


ग्वालियर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. gwaliorvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.