भारत के दो सबसे बड़े औद्योगिक घरानों, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप के लिए साल 2025 कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर काफी हलचल भरा रहा। हालांकि दोनों ही दिग्गजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को नई दिशा दी, लेकिन शेयर बाजार के आंकड़ों और नेटवर्थ की दौड़ में मुकेश अंबानी ने अपनी बढ़त को और मजबूत कर लिया है।
मुकेश अंबानी: 2025 के निर्विवाद सुल्तान
साल 2025 में मुकेश अंबानी की रणनीति केवल मौजूदा व्यवसायों को बचाने की नहीं, बल्कि भविष्य के 'डिजिटल और ग्रीन' साम्राज्य को खड़ा करने की रही। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स और फोर्ब्स की रिपोर्टों के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई 30% की उछाल ने अंबानी को दुनिया के शीर्ष-10 अरबपतियों की सूची में मजबूती से स्थापित कर दिया।
सफलता के प्रमुख कारक:
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जियो और रिटेल का दबदबा: रिलायंस जियो ने एआई-इंटीग्रेटेड सेवाओं के साथ टेलीकॉम बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। वहीं, रिलायंस रिटेल के विस्तार ने निवेशकों को आकर्षित किया।
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एआई और रिलायंस इंटेलिजेंस: 2025 में अंबानी ने 'रिलायंस इंटेलिजेंस' लॉन्च कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत की दावेदारी पेश की।
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आईपीओ की सुगबुगाहट: साल के अंत तक रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के संभावित आईपीओ (IPO) की खबरों ने शेयर की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
गौतम अडानी: संघर्ष से सफलता की ओर वापसी
गौतम अडानी के लिए 2025 एक 'कमबैक' साल के रूप में दर्ज किया गया। हिंडनबर्ग विवाद की छाया से बाहर निकलते हुए, अडानी ग्रुप ने न केवल अपनी साख बचाई बल्कि निवेशकों का भरोसा भी वापस जीता।
वापसी की रणनीति:
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पोर्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर: अडानी पोर्ट्स (APSEZ) ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में अपनी पैठ बढ़ाई। इसके साथ ही अडानी पावर और एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों ने उनके वेल्थ रिकवरी में 14.2 अरब डॉलर का योगदान दिया।
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विशाल निवेश योजना: अडानी ने 145 अरब डॉलर के निवेश प्लान की घोषणा कर यह साफ कर दिया कि उनका ध्यान अगले एक दशक के बुनियादी ढांचे पर है। इसमें धारावी पुनर्विकास परियोजना और नए हवाई अड्डों का संचालन शामिल है।
दौलत का फासला: अंबानी बनाम अडानी
2025 के अंत में दोनों दिग्गजों के बीच का अंतर दिलचस्प रहा: | विवरण | मुकेश अंबानी | गौतम अडानी | | :--- | :--- | :--- | | कुल नेटवर्थ (अनुमानित) | $105 - $108 बिलियन | $92 - $94 बिलियन | | 2025 में वेल्थ गेन | ~$15 बिलियन | ~$14.2 बिलियन | | प्रमुख फोकस क्षेत्र | AI, रिटेल, 5G, ग्रीन हाइड्रोजन | इंफ्रास्ट्रक्चर, पोर्ट्स, रिन्यूएबल एनर्जी |
भविष्य की दौड़
विशेषज्ञों का मानना है कि मुकेश अंबानी की संपत्ति का आधार अब काफी विविधतापूर्ण और स्थिर हो चुका है, जो उन्हें बाजार के झटकों से बचाता है। दूसरी ओर, गौतम अडानी की संपत्ति इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर आधारित है, जिनमें विकास की संभावना तो बहुत अधिक है लेकिन वे नियामक (Regulatory) और वैश्विक आर्थिक नीतियों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
निष्कर्ष
2025 ने स्पष्ट कर दिया कि भारतीय कॉर्पोरेट जगत अब दो-ध्रुवीय (Bipolar) है। मुकेश अंबानी जहां अपनी बादशाहत को और अधिक परिष्कृत कर रहे हैं, वहीं गौतम अडानी अपनी खोई हुई गति प्राप्त कर चुके हैं और आने वाले वर्षों में अंबानी को टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।